ABP न्यूज से बड़ी खबर, मिलिंद खांडेकर ने समूह को अलविदा कहा

देश के प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल चैनल के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने समूह को अलविदा कह दिया है। उनकी जगह अब समूह में पहले से कार्यरत रजनीश अहूजा लाया गया है, जो अभी तक यहांअसोसिएट मैनेजिंग एडिटर के पद पर कार्यरत थे।

खांडेकर के इस फैसले पर एबीपी न्यूज नेटवर्क के सीओओ अविनाश पांडे ने कहा, ‘खांडेकर ने अपने सहयोग से एबीपी न्यूज नेटवर्क में संपादकीय संरचना को एक नया आकार दिया और उसे मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वास्तव में उनका योगदान संगठन के लिए बहुत ही मूल्यवान रहा है। पिछले कुछ वर्षों में उनके जैसे सहयोगी के साथ काम करके खुद में गर्व महसूस होता है। हम उनके सफल भविष्य की कामना करते हैं।’

वहीं इस तरह लिए निर्णय पर खांडेकर ने कहा,‘14 साल एक लंबा समय होता है और मेरी यह अविश्वसनीय यात्रा बहुत ही सुखद रही है। एएनएन में मेरा योगदान हिंदी चैनल के साथ शुरू हुआ और धीरे-धीरे एबीपी न्यूज नेटवर्क के डिजिटल और क्षेत्रीय (बंगाली, मराठी और गुजराती) चैनलों की ओर भी बढ़ा। कुल मिलाकर, यह एक यादगार अनुभव रहा है।’

मिलिंद खांडेकर लंबे समय से एबीपी न्यूज नेटवर्क के साथ जुड़े हुए थे। 2016 में उनका कद बढ़ाकर उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। तब उनके कंधों पर एडिटोरियल कंटेंट की पूरी जिम्मेदारी डाली गई थी। इसके अलावा उन्हें एबीपी न्यूज के डिजिटल एडोटियल की कमान भी दी गई थी।

गौरतलब है कि 2016 में ही मिलिंद खांडेकर को टीवी न्यूज इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित अवॉर्ड एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड (enba) के तहत बेस्ट एडिटर कैटेगरी के लिए भी चुना गया थ।

उल्लेखनीय है कि हिंदी और अंग्रेजी दोनो ही भाषाओं में बराबर की पकड़ होने के बावजूद भी मिलिंद खांडेकर ने शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता की ओर अपना रुख किया। मिलिंद ने पत्रकारिता में अपनी शुरुआत 1992 से ‘नवभारत टाइम्स’ के साथ की। नवभारत में उन्होंने सब-एडिटर और रिपोर्टर के रूप में काम किया। 1995 तक वे यहां रहे। तीन साल काम करने के बाद वे ‘आजतक’ के साथ जुड़ गए। आजतक में उन्होंने कुछ समय तक रिपोर्टर की भूमिका निभाई, जिसके बाद कई विभिन्न पदों पर काम करते हुए वे यहां एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर बन गए और बाद में उन्होंने वेस्टर्न ब्यूरो ऑपरेशन की भी कमान संभाली। 2004 में मिलिंद ने ‘आजतक’ को अलविदा कह दिया और तब स्टार न्यूज यानी आज के ‘एबीपी न्यूज’ के साथ जुड़ गए थे। तब से वे एमसीसीएस (एबीपी चैनल का संचालन करने वाली कंपनी) में बतौर मैनेजिंग एडिटर की भूमिका निभा रहे थे।

गौरतलब है कि मिलिंद ने किताब ‘दलित करोड़पति-15 प्रेरणादायक कहानियां’ भी लिखी । इसमें 15 कहानियां है, जिनमें 15 दलित उद्योगपतियों के संघर्ष को शॉर्ट स्टोरीज की शक्ल में प्रस्तुत किया गया है। ये कहानियां दलित करोड़पतियों की है,जिन्होंने शून्य से शुरू कर कामयाबी के नए आयाम रचे, जिनके पास पेन की निब बदलने के लिए पैसे नहीं थे आज उनकी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में है, लेकिन उन्होंने ये कामयाबी कैसे हासिल की, क्या मुश्किलें आई और उन्होंने इन मुश्किलों पर कैसे फतह हासिल की।

पत्रकारिता जगत में उन्हें दो दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई प्रतिष्ठित टाइम्स सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज से की है। 1991 में हिंदी में बेस्ट ट्रेनी के लिए उन्हें ‘राजेन्द्र माथुर अवॉर्ड’ से भी नवाजा गया था।

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