5 वर्षों से विभाग में तैनात सूचना निदेशक को हटाने हेतु मुख्य चुनाव आयोग से गुहार

लखनऊ के आरटीआई एक्टिविस्ट शमीम अहमद द्वारा चुनाव आयोग के सम्मुख पत्र के माध्यम से विगत 5 वर्षों से सूचना निदेशक के पद पर कार्य कर रहे श्री शिशिर सिंह को तत्काल प्रभाव से सूचना निदेशक के पद से मुक्त कर किसी अन्य जनपद स्थानान्तरण किया जाने हेतु अपील की गयी है।

Special 11 Team Yogi,योगी का कोरोना पर वार, स्पेशल -11 पर सारा दारोमदार, 'एक्स्ट्रा प्लेयर' भी है खास - coronavirus: know everything about uttar pradesh cm yogi adityanath's special 11 team ...लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 की दृष्टिगत चुनाव आयोग द्वारा इस आशय के दिशा निर्देश दिए गए थे कि तीन साल से अधिक एक ही विभाग में कार्यरत कर्मचारी या अधिकारी को हटाया जाए एवं चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु 6 राज्यों के गृह सचिव को हटाने का आदेश भी जारी किया गया है परंतु उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सूचना निदेशक विगत 5 वर्षों से उसी पद पर कार्यरत है। भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के अत्यंत करीबी होने के कारण सूचना निदेशक के पद पर जमा हुए हैं जो कहीं ना कहीं विधि द्वारा स्थापित नियम और चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्दोषों का स्पष्ट उल्लंघन दिखता है।
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद मीडिया का बड़ा दायित्व होता है और उत्तर प्रदेश की मीडिया कहीं ना कहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक श्री शिशिर सिंह के दबाव में सरकार हितों में कार्य करती नजर आती है । श्री शिशिर सिंह की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार के संबंध में समाचार पत्र द्वारा विस्तृत लेख प्रकाशित कर उनकी कार्य प्रणाली को उजागर भी किया गया है लेकिन सत्ता की नज़दीकियों के चलते कोई कार्यवाही नही होती है।

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तथाकथित व्यक्तियों को नियम कानून और मार्गदर्शिका में उल्लिखित सिद्धांतों को दरकिनार कर राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा दिए जाने पर उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ में प्रेषित जनहित याचिका के संबंध में जवाब भी तलब किया गया है। सूचना निदेशक द्वारा मान्यता नियमावली में पोर्टल के पत्रकारों को मान्यता देने का प्रावधान न होते हुए भी राज्य मुख्यालय की मान्यता प्रदान कर कहीं ना कहीं इस चुनाव में भाजपा सरकार के हितों में इस्तेमाल किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जो चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उत्पन्न करते हैं । आचार संहिता लगने से पूर्व अनेक मीडिया चैनल एवं मासिक पत्रिकाएं जो सूचना विभाग में सूचीबद्ध नहीं है उनको डॉक्यूमेंट्री के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का विज्ञापन दिया गया है जो इस बात का प्रमाण है कि सूचना निदेशक द्वारा टीवी चैनल एवं समाचार पत्रों के माध्यम से चुनाव के दौरान किसी विशेष राजनीतिक दल के लिए प्रभाव डालने की रणनीति पर कार्य किया गया है जो चुनाव की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाता है।
लखनऊ के आरटीआई एक्टिविस्ट शमीम अहमद द्वारा चुनाव आयोग के सम्मुख पत्र के माध्यम से विगत 5 वर्षों से सूचना निदेशक के पद पर कार्य कर रहे श्री शिशिर सिंह को तत्काल प्रभाव से सूचना निदेशक के पद से मुक्त कर किसी अन्य जनपद स्थानान्तरण किया जाने हेतु अपील की गयी है।

 

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