पत्रकारिता जगत के भीष्मपितामह चिरनिद्रा में लीन

उनके निधन की सूचना मिलते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर देखी जा रही है. ज्ञानेंद्र जी लगभग 80 वर्ष के थे. विगत कुछ समय से वह गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. उनका उपचार लखनऊ के चंदन अस्पताल में चल रहा था. इलाज के दौरान आज अपरान्ह उनका निधन हो गया. वे झांसी के मूल निवासी थे. 70 के दशक में लखनऊ आए थे. उनका एक पुत्र इस समय विदेश में है. उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार संभवत: कल ही होगा.

पिछले 60 वर्षों में सक्रिय पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई थी ज्ञानेंद्र शर्मा जी ने 

वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शर्मा जी के निधन की सूचना सामने आई है. ज्ञानेंद्र जी यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं. उनके निधन की सूचना मिलते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर देखी जा रही है.

ज्ञानेंद्र जी लगभग 80 वर्ष के थे. विगत कुछ समय से वह गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. उनका उपचार लखनऊ के चंदन अस्पताल में चल रहा था. इलाज के दौरान आज अपरान्ह उनका निधन हो गया. वे झांसी के मूल निवासी थे. 70 के दशक में लखनऊ आए थे. उनका एक पुत्र इस समय विदेश में है. उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार संभवत: कल ही होगा.

पिछले साल राजधानी लखनऊ में उनका जन्मदिन मनाया गया था. दैनिक जागरण के पत्रकार राजू मिश्रा ने तब लिखा था कि, “ज्ञानेंद्र शर्मा सरीखा जन्मदिन समारोह हाल-फिलहाल किसी का नहीं देखा गया. यूपी प्रेस क्लब ठसाठस भरा था. यह भाई सुरेश बहादुर सिंह जी की पहल थी कि ज्ञानेंद्र जी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाए.”

एमपी क्रॉनिकल से पत्रकारिता शुरू करने वाले ज्ञानेंद्र जी मूलतः मऊरानीपुर के रहने वाले थे. वे मशहूर गीतकार इंदीवर के पड़ोसी थे. समाचार भारती, समाचार जैसी संवाद अभिकरण सेवाओं के वह ब्यूरो प्रमुख रहे. नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान जैसे नामचीन अखबारों में उन्होंने अपनी कलम का जादू बिखेरा.

पत्रकार राजू मिश्रा बताते हैं, “जब गूगल का कोई नामलेवा नहीं था तब ज्ञानेंद्र जी गूगल से कहीं ज्यादा विशद जानकारियां अपनी डायरी में लिपिबद्ध रखते थे. लेकिन, दोनों अंगुलियों से टाइप करते उन्हें कभी किसी ने नहीं देखा. दरअसल टाइपराइटर पर काम करते वह एक ही अंगुली से टाइपिंग के अभ्यस्त हो गए थे. यह सिलसिला उनकी आखिरी सांस तक यथावत रहा.

सत्यपाल प्रेमी जी की एक बात याद आ रही-ज्ञानू दादा बेजोड़ रिकार्ड रखते हैं. बात सही भी थी. बहरहाल वह अकेले ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त कुर्सी भी पूरी दमदारी के साथ संभाली और ऐसे जबरदस्त फैसले किये जिनका आजतलक लोग लोहा मानते हैं, नजीर देते हैं. ऐसी विरले विभूती को नमन… श्रद्धांजलि!”

ज्ञानेन्द्र जी का जाना पत्रकारिता के एक युग का अंत

स्व. ज्ञानेन्द्र शर्मा एक जानेमाने पत्रकार, साहित्यकार व लेखक का निधन लखनऊ के पत्रकारिता जगत में एक युग की समाप्ति है .उन्होंने पिछले 60 वर्षों में सक्रिय पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई।

हजारों की संख्या में उन्होंने लेख / आलेख लिखे और मीडिया के कई महत्वपूर्ण घरानों / अंगों में काम करने का गौरव हासिल किया।

लगभग साढ़े चार वर्ष तक उत्तर प्रदेश के प्रथम राज्य सूचना आयुक्त और राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर काम करते हुए उन्होंने प्रशासनिक अनुभव प्राप्त किया और जनजन को सूचना के अधिकार के अंतर्गत न्याय दिलाने की दिशा में सैकड़ों महत्वपूर्ण फैसले सुनाए।

इस पद पर आसीन होने वाले हिन्दी के पहले पत्रकार जिन्होंने अपने कार्यकाल में सूचना का अधिकार अधिनियम की बारीक व्याख्या की और विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अनगिनत फैसले सुनाए जिनमें से दर्जनों निर्णय चर्चित रहे, पूर्वोदाहरण बने जिन्हें कि समय समय पर उद्धृत किया गया।

सक्रिय पत्रिकारिता की अर्ध-शताब्दी से अधिक / 1965 से/ के दौरान वे कई प्रमुख पदों पर रहे-

 

संक्षिप्तः- वरिष्ठ स्थानीय संपादक, दैनिक हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। राजनीतिक संपादक, दैनिक जागरण, लखनऊ। स्थानीय संपादक, स्वतंत्र भारत, लखनऊ। प्रधान संपादक, जनसंदेश टाइम्स, लखनऊ । चीफ रिपोर्टर, नवभारत टाइम्स। ब्यूरो प्रमुख / मैनेजर / विशेष संवाददाता, समाचार भारती /न्यूज एजेंसी / ब्यूरो प्रमुख, समाचार / चार समाचार एजेंसियों के संविलय से बनी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी /, लखनऊ। सह संपादक, मध्य प्रदेश क्रानिकिल / एम पी क्रानिकिल / अंग्रेजी दैनिक, भोपाल।

 

देश के उपरोक्त शीर्ष संस्थानों में समाचार संकलन, लेखन और समाचार प्रबंधन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी का वहन किया, प्रशासनिक, संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया। अनेक विषयों पर दर्जनों समसामयिक विचारोत्तक लेख लिखे तथा समाचारों का बारीक विश्लेषण कर हजारों-हजार पाठकों का स्नेह हासिल किया।

दूरदर्शन एवं अन्य टेलीविजन चैनल / आकाशवाणी
टेलीविजन चैनलों के लिए 1976 से लगातार सामयिक विषयों पर कार्यक्रम तैयार किए और उनका तथा उनसे जुड़ी चर्चाओं का प्रस्तुतीकरण किया। इन चर्चाओं में आम आदमी के संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा से जुड़े विषयों पर चर्चाएं शामिल थीं। इन टेलीविजन चैनलों में दूरदर्शन और ईटीवी प्रमुख थे। आकाशवाणी, बी०बी०सी० और वॉयस आफ अमेरिका के लिए अनेक प्रोग्राम तैयार और प्रस्तुत किए।
स्वतंत्र लेखन :-पत्रकारिता क्षेत्र की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं यथा धर्मयुग, दिनमान, दिनमान टाइम्स, नई दुनिया, कादम्बिनी में कई वर्षों तक लगातार लेखन कार्य किया।

विदेश यात्राएं :-अमेरिका, इंगलैंड, रूस, कनाडा, ईरान, सिंगापुर, थाईलैण्ड, फ्रान्स, इटली, स्विटजरलैण्ड व कुछ अन्य यूरोपीय देशों का भ्रमण किया। अमेरिका की 6 बार यात्रा की और वहाँ के सामाजिक, आर्थिक व प्रशासनिक ढाँचे के अलावा राजनीतिक गतिविधियों का अध्ययन किया। भारत के प्रधानमंत्री के साथ ईरान और विदेश मंत्री के साथ रूस की अधिकारिक यात्रा की।

पुस्तक :-’एक अदद लड़कीः लिंग भेद पर आधारित कहानी संग्रह, 2008 में प्रकाशित। आज वह हमारे बीच भौतिक शरीर के रूप में भले ही नहीं है लेकिन उनकी कलम से निकल कर छपे शब्द हम सब पत्रकारों को प्रेरणा देते रहेगें।
सादर नमन और श्रंद्धांजलि

वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं ने जताया शोक

उत्तर प्रदेश के पूर्व सूचना आयुक्त व वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र शर्मा का बीमारी के चलते बुधवार को निधन हो गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि ज्ञानेंद्र शर्मा के निधन की दुखद सूचना प्राप्त हुई। उनका निधन संपूर्ण पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति व परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी व प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

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