ANI ने PTI के खिलाफ खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, मांगा दो करोड़ का हर्जाना
जस्टिस मिनी पुष्करणा की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में PTI को समन जारी कर उससे जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त तय की है।
न्यूज एजेंसी ‘एशियन न्यूज इंटरनेशनल’ (ANI) ने कथित तौर पर कॉपीराइट उल्लंघन और साहित्यिक चोरी के मामले में प्रतिद्वंद्वी न्यूज एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (PTI) के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जस्टिस मिनी पुष्करणा की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में PTI को समन जारी कर उससे जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त तय की है।
ANI ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि PTI ने उसके एक वीडियो की नकल की है। ये वीडियो 19 जून को दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्पाइसजेट फ्लाइट की है, जोकि भीषण गर्मी के बीच यात्रियों के करीब एक घंटे तक परेशानी झेलने से जुड़ी है, जब विमान की एयर कंडीशनिंग ने काम करना बंद कर दिया था और विमान के यात्री परेशान हो उठे थे।
ANI ने दावा किया कि ये वीडियो उसके वीडियो जर्नलिस्ट द्वारा शूट किया गया था और जैसे ही उसकी क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर की गई, इसके तुरंत बाद PTI ने भी उसी वीडियो को हू-ब हू प्रकाशित कर दिया।
ANI ने अब इस मामले में कथित तौर पर 2 करोड़ रुपये का हर्जाना देने की मांग की है, साथ ही PTI को इस तरह के अन्य ऑरिजिनल वीडियो को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने का आदेश देने की मांग की गई है।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान PTI के वकील राजशेखर राव ने कथित तौर पर कहा कि 24 घंटे के भीतर प्लेटफॉर्म से उक्त वीडियो को हटा दिया जाएगा।
इस पर ANI की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर एम लाल और अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने माफी मांग करते हुए कहा कि PTI को उन सभी न्यूज पब्लिशर्स से भी माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने उसकी फीड को प्रकाशित किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर एम लाल ने कहा कि इसके अलावा पीटीआई को स्पष्टीकरण भी देना चाहिए।
ANI के वकीलों ने कहा, “उन्हें इसे हटाना चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि यह मेरा काम है। उन्हें माफी भी मांगनी चाहिए। उन्हें उन सभी अखबारों को भी लिखना चाहिए जिन्होंने पीटीआई फीड के तौर पर रिपोर्ट प्रकाशित की। पीटीआई मेरी फीड चुरा रहा है।”
इस पर PTI के वकील राजशेखर राव ने कहा, “माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। यहां तक कि कुछ और कहने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि हमने पहले ही कहा था कि यह (वीडियो) तीसरे पक्ष की सामग्री है।”