एस पंडित की घोषणा से उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के चुनावी गर्मी की निकली हवा
वहीँ प्रभात त्रिपाठी द्वारा सोशल मीडिया पर दोनों कमेटी के आयोग भंग होने के कारण प्रिट मीडिया इलेकट्रोनिक्स चैनल और छायाकारो की संयुक्त वैठक जल्द। जिसमें नया चुनाव आयोग और एक चुनाव के लिये घोषणा की जायेगी।आयोग में प्रिंट मीडिया चैनल और छायाकारो को भी शामिल किया जायेगा। आयोग का चयन वैठक में उपस्थित तमाम सदस्य नामो की पर्ची डालकर करेगे जिससे पारदर्शिता और विश्वास के साथ आयोग स्थापित किया जा सके और कोई विवाद न हो। और लम्बा सा पात्र भी जारी किया गया
- लघु एवं मध्यम और दबे कुचले टाइप के राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार के संगठन की नयी समिति का ऐलान
- बहुत से पत्रकार हैं जो लेखन के साथ-साथ विज्ञापन का भी कार्य करते हैं।
- बंटवारे से ही रोजगार के नए सृजन और उन्नति के नए अवसर मिलेंगे
उत्तर प्रदेश का बटवारा होकर उत्तराखंड बना तो न सिर्फ रोजगार के अवसर मिले बल्कि विकास और उन्नति के पायदान पर उत्तराखंड का नाम आज चमक रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेड यूनियन के तीन बंटवारे और उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के दो बटवारो का सुखद परिणाम सामने है। इसी तरह उत्तर प्रदेश की चारों दिशाओं से समाचार जगत का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों की समिति के चौमुखी विकास के लिए चार बंटवारे आवश्यक है
एक तो सर्वविदित है, दूसरा भी जग जाहिर है, तीसरा भी सामने आ गया अब एक चौथे की घोषणा भी हो जाए, लघु एवं मध्यम और दबे कुचले टाइप के राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार के संगठन का मेरा भी प्रस्ताव स्वीकार किया जाए।
जब तक एक चुनाव नहीं होगा सचिवालय में मतदान की अनुमति नहीं मिलेगी
वहीँ प्रभात त्रिपाठी द्वारा सोशल मीडिया पर दोनों कमेटी के आयोग भंग होने के कारण प्रिट मीडिया इलेकट्रोनिक्स चैनल और छायाकारो की संयुक्त वैठक जल्द। जिसमें नया चुनाव आयोग और एक चुनाव के लिये घोषणा की जायेगी।आयोग में प्रिंट मीडिया चैनल और छायाकारो को भी शामिल किया जायेगा। आयोग का चयन वैठक में उपस्थित तमाम सदस्य नामो की पर्ची डालकर करेगे जिससे पारदर्शिता और विश्वास के साथ आयोग स्थापित किया जा सके और कोई विवाद न हो। और लम्बा सा पात्र भी जारी किया गया –
चुनाव के सन्दर्भ में प्रभात त्रिपाठी का पत्र पढ़े
उत्तर प्रदेश राज्य मुस्यालाय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति में अब कोई आयोग निर्वाचन समिति नहीं है। अभी जो सफाई दी जा रही है वह सिर्फ अपने अपने चेहरे और वजूद को ।बचाने की ह्रै। वीरेन्द्र सक्सैना आयोग दूसरी जीवीएम बुलाकर स्वतः उसी समय खारिज हो गया जब उसने दूसरी जीवीएम बुलाने का पत्र जारी कर दिया। पहली जीवीएम से बना आयोग उसके पहले बहुत मजबूत आयोग था।लेकिन उसका चेहरा उसी समय बेनकाब हो गया जब उसने एक प्रत्याशी के दबाब और सुझाव पर दूसरी जीवीएम का पत्र जारी कर दिया। कल 2 अगस्त को वैठक में जितने भी लोग थे यह वैठक एक चुनाव और पत्रकारो को एकजुट करने के लिये नहीं थी यह वैठक किसी एक प्रत्याशी के एजेण्डे को मजबूत करने के लिये थी। वैठक में पत्रकार एकता नहीं एक दूसरे को नीचा दिखाने और अपनी ताकत का एहसास कराने के लिये थी। बार बार वेइज्जत होने का शोक लगता हैं झ्न वरिष्ठ जनो की आदत अब बन गई है क्योकि असल खेल पर्दे के पीछे कुछ और ही चलता है कयोकि एक मठाधीस को हटाकर दूसरे मठाघीस को काबिज कराना उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता में साफ सुथरे रिपोटिंग करने वाले पत्रकारो के लिये बहुत घातक है। सरकारी भवनो का उपयोग करके और उन तमाम पत्रकारो को घोखा देना जो अपना अमूल्य मत विश्वास करके देते है उनके साथ एक बड़ा घोखा और अपराध है।में जल्द सूबे के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ जी से मिलकर समिति में मठाधीसो को पर्दे के पीछे से स्थापित करने के मंसूबो से अवगत कराऊगा क्योकि लगातार कई वर्षों से यूपी की पत्रकारिता में तमाम पत्रकारो के नाम पर इस तरह का खेल चल रहा है।में इस नापाक मंसूबे को खत्म करूंगा।दोनो आयोग कल 6 बजे से भंग है।कारण साफ है कि यह आयोग किसी न किसी का एजेण्डा पूरा करने में लगे थे उन्हे 900 पत्रकारो की चिन्ता और एक चुनाव एक कमेटी की चिन्ता नहीं अपने अपने मठो को स्थापित करने का उतावला पन था।
1 जुलाई 2024 की आम सभा यूपी की पत्रकारिता के इतिहास में दर्ज हो गई है।दोनो गठित आयोग 900 पत्रकारो में से 800 पत्रकारो का विश्वास नहीं रखते है।दोनों आयोग अब अस्तित्व में नहीं है।अगस्त को ही चुनाव होगा नये आयोग नये चेहरे के साथ।शीघ्र आयोग घोषित होगा।आपका भाई
प्रभात त्रिपाठीचुनाव के सन्दर्भ में भास्कर दुबे का भी पत्र पढ़े
प्रिय पत्रकार साथियों
आपके निरंतर अनुरोध पर 2 अगस्त को यहां पत्रकार मान्यता समिति की चुनाव संचालन समिति ने विधान भवन के प्रेस रूम में पत्रकारों की एक बैठक आयोजित की जिसमें लगभग 140 पत्रकार उपस्थित हुए।
बैठक में पत्रकारों ने कहा कि गत 1 जुलाई को पत्रकार मान्यता प्राप्त संवाद समिति की जो आम सभा बुलाई गई थी उसमें आगामी 11 अगस्त को नई कमेटी के गठन हेतु चुनाव कराने का निर्णय किया गया था। उनका कहना था कि उन्हें इस निर्णय पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन हमारे बीच ऐसे बहुत से पत्रकार हैं जो लेखन के साथ-साथ विज्ञापन का भी कार्य करते हैं। क्योंकि 15 अगस्त के लिए अखबारों में विज्ञापन संकलन का बहुत दबाव रहता है जिसके कारण उन्हें चुनाव तथा प्रत्याशी के रूप में प्रचार प्रसार करने में काफी कठिनाई आ रही है ।अतः चुनाव संचालन समिति से यह अनुरोध है कि वह चुनाव की तिथि एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दे। इस मुद्दे पर सभी उपस्थित पत्रकारों की राय और सुझाव मांगे गए। सभी लोग इस बात से सहमत थे कि चुनाव तिथि को एक सप्ताह आगे बढ़ा दिया जाए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने सबके समक्ष आगामी 17 और 18 अगस्त की तिथियां रखी जिस पर सभी सदस्यों ने 17 अगस्त को चुनाव कराने पर एक स्वर से अपनी सहमत प्रदान की। सभी लोगों की सहमत से अध्यक्ष ने चुनाव के लिए 17 अगस्त की तिथि घोषित कर दी जिसका सभी ने एक स्वर से स्वागत किया।
बैठक में कई पत्रकारों ने एकता का मुद्दा उठाते हुए सुझाव दिया की चुनाव एक ही होना चाहिए और उसके लिए सभी संभव प्रयास किए जाए। इस पर समिति के सदस्यों ने बताया कि उनकी ओर से अनेक बार वार्ता करने के प्रयास किए गए परंतु उन्हें इसमें कोई सफलता नहीं मिली। बैठक में कई सदस्यों का कहना था कि पूर्व समिति का कार्यकाल लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व समाप्त हो चुका है।अतः उस समिति का कोई वैधानिक औचित्य नहीं है। कुछ सदस्यों ने पूर्व समिति के कार्यकलापों पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि यह बताया जाए कि आखिर उस समिति ने पिछले तीन वर्ष में पत्रकारों के हितों के लिए क्या कार्य किया है। कई पत्रकारों ने कहा कि पूर्व कमेटी के कार्यकाल में विधान सभा की पत्रकार दीर्घा में पत्रकारों का जाना निषेध कर दिया गया, विधानसभा कैंटीन में भी पत्रकारों के जाने पर रोक लगा दी गई परंतु इस पूर्व कमेटी के अध्यक्ष और ना ही किसी पदाधिकारी ने इस का कोई विरोध किया और ना ही विधानसभा अध्यक्ष से वार्ता करना उचित समझा।
अध्यक्ष श्री सक्सेना ने कहा कि इस समिति की ओर से दूसरे पक्ष से कई बार वार्ता करने की प्रयास किए गए परंतु उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे पक्ष को पत्रकार एकता की चिंता होती तो वे आज की बैठक में अवश्य शामिल होते और अपने सुझावों से एकता का प्रयास करते परंतु उनका एक भी सदस्य इस बैठक में उपस्थित नहीं हुआ जिससे यह स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि उन्हें पत्रकार एकता में कोई रुचि नहीं है। श्री सक्सेना ने पत्रकारों से कहा कि इस चुनाव संचालन समिति का ना तो कोई इगो है और ना ही किसी प्रकार का स्वार्थ है, हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना ही है की चुनाव विधि सम्मत और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराया जा सके और इसके लिए आप सभी का सहयोग बहुत ही आवश्यक है, यही हम सब पत्रकारों के हित में है। बैठक में उपस्थित सभी पत्रकारों ने कहा कि यही समिति असली है और इसी के नेतृत्व में चुनाव संपन्न होने चाहिए। बैठक में चुनाव संचालन समिति के उपाध्यक्ष भास्कर दुबे,रतीभान त्रिपाठी सदस्य दया बिष्ट,नितिन श्रीवास्तव के अलावा वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार, सुरेंद्र दुबे प्रमोद गोस्वामी,किशोर निगम, शिव शंकर त्रिपाठी ,देवकीनंदन साहित अनेक प्रतिष्ठित पत्रकार उपस्थित हुए ।