गोवा पुलिस ने हिंदी बोलने पर पत्रकार को पीटा
पणजी। स्थानीय समाचार चैनल के एक पत्रकार ने आरोप लगाया है कि हिंदी बोलने पर गोवा पुलिस के दो अधिकारियों ने उससे बदतमीजी की। पत्रकार मुकेश कु मार ने अपनी शिकायत में कहा कि हिंदी में बोलने की वजह से पुलिसकर्मियों ने उसके साथ बदतमीजी की।
उसने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों-इंसपेक्टर पी.के. वास्ट और सब-इसपेक्टर विक्रम नाइक ने पणजी पुलिस थाने में उसके सिर पर भी झापड़ मारा। मुकेश ने बताया, मेरे हिंदी बोलने की वजह से पुलिस अधिकारियों ने मेरे साथ बदतमीजी की। मेरे हिंदी बोलने के चलते उन्होंने मान लिया कि मैं गोवा का नहीं हूं। मुकेश शनिवार रात पणजी के माला इलाके में अपनी पत्नी से फोन पर हिंदी में बात कर रहा था। उसी दौरान अचानक अंधेरे से निकले चार-पांच लोगों ने उसे धक् का देना शुरू कर दिया। पीडित पत्रकार ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस आरोपियों के साथ उसे भी पणजी थाने ले गई। मुकेश ने इस वाकया का कुछ हिस्सा अपने मोबाइल में भी कैद किया है। उसने कहा, मुझे हैरानी हुई कि पुलिस आरोपियों से नरमी से बात कर रही है, जबकि मुझे तंग कर रही थी। पुलिस इंसपेक्टर ने मेरे सिर पर झापड़ भी मारा। पणजी पुलिस थाने के पुलिस इंसपेक्टर राजेंद्र प्रभुदेसाई ने ऎसी शिकायत मिलने की पुष्टि की है। प्रभुदेसाई ने कहा, हमें शिकायत मिली है। इसे आगे की कार्रवाई के लिए उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित कर दिया गया है।