मध्यप्रदेश जनसंदेश के हटाए गए कर्मचारी प्रधानमंत्री से करेंगे शिकायत
मध्यप्रदेश जनसंदेश से बिना नोटिस के निकाले गए कर्मचारी प्रधानमंत्री और प्रेस कौसिंल ऑफ इंडिया से शिकायत करेंगे। एक रेलवे ठेकेदार और महैर के खनन कारोबारी के सिंडीकेट में चल रहे इस अखबार में संपादकीय विभाग के कर्मियों से श्रमिकों से भी बुरा व्यवहार किया जाता है। जीएम अजय सिंह विशेन की मनमानी का आलम यह है कि उन्होंने इस अखबार को अपना जागिर समझ लिया है। जब चाहे जिस रख लिया, जिसे चाहा हटा दिया। यही वजह है कि नियम विरुद्ध हटाए गए कर्मियों ने प्रधानमंत्री से पूरे मामले की शिकायत करने की ठान ली है। छुट्टी पर गए कर्मचारियों को भी हटा दिया है। इन कर्मचारियों को हटाए जाने की जानकारी तब हुई जब उनके फोन बंद कर दिये गए। चूंकि इस अखबार के मालिकों को एक सांसद का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए दूर-दराज से नौकरी करने गए कर्मियों ने चुपचाप अपना हिसाब ले लिया। इतना ही नहीं, पूरा वेतन भी नहीं दिया गया। काम बीस से पचीस दिन किया गया और भुगतान पंद्रह दिन का किया गया। इस मामले की जांच कार्यालय के हाजिरी रजिस्टर से की जा सकती है, जबकि सरकार ने नियम बना रखा है कि कर्मचारियों को हटाने से पहले मालिकों को नोटिस देना होगा। यदि तुरंत बर्खास्त करते हैं तीन माह का वेतन देना होता है लेकिन दोनों ही नियमों का पालन नहीं किया गया।
एक कर्मचारी की रिपोर्ट