पत्रकार द्वारा परिवार के साथ इच्छा मृत्यु की सूचना निदेशक से क्यों मांगी अनुमति ?

सूचना निदेशक द्वारा जारी एकपक्षिय आदेश जारी करके पत्रकार तनवीर की मान्यता समाप्त की गयी जिससे पारिवारिक, सामाजिक, मानसिक छति हुई एवं पूरा परिवार जिसमें प्रार्थी की माँ, पत्नी, बेटी, भाई, मित्र आदि सभी को समाज में अपमानित किया जा रहा है और असहनीय मानसिक पीड़ा, सामाजिक क्षति और कष्टकारी जीवन और आत्मग्लानी किसी भी इंसान की जिन्दगी जीने की ललक को आसानी से समाप्त कर देता है और आत्महत्या जैसा घ्रणित अपराध करने पर मजबूर हो जाना कोई बड़ी बात नहीं दिखती।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सामाजिक कार्यकर्ता, आरटीआई एक्टिविस्ट, एवं पत्रकार तनवीर अहमद सिद्दीकी ने हताश, निराश और विवश होकर सूचना निदेशक शिशिर सिंह से इच्छा मृत्यृ की मांग की है। सूचना निदेशक को जारी पत्र में पत्रकार तनवीर द्वारा सूचना निदेशक द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों की सत्यता के संबंध में उचित अवसर प्रदान करते हुये कार्यालय स्थानीय अभिसूचना इकाई, लखनऊ की झूठी, मनगढ़ंत, काल्पनिक और दूषित मानसिकता द्वारा जारी जांच आख्या दिनांक 10.05.2023 की प्रति उपलब्ध करायी जाने की बात की है और ऐसा न किए जाने पर मजबूर होकर पूरे परिवार के साथ सूचना निदेशक के आवास पर सांकेतिक रूप से इच्छा मृत्यु की मांग करने हेतु शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने की बात भी कही गई है।

आपराधिक मुकदमों में नामित पत्रकार तनवीर की मान्यता समाप्त किए जाने से पत्रकारों में मची खलबली!

सूचना निदेशक द्वारा जारी एकपक्षिय आदेश जारी करके पत्रकार तनवीर की मान्यता समाप्त की गयी जिससे पारिवारिक, सामाजिक, मानसिक छति हुई एवं पूरा परिवार जिसमें प्रार्थी की माँ, पत्नी, बेटी, भाई, मित्र आदि सभी को समाज में अपमानित किया जा रहा है और असहनीय मानसिक पीड़ा, सामाजिक क्षति और कष्टकारी जीवन और आत्मग्लानी किसी भी इंसान की जिन्दगी जीने की ललक को आसानी से समाप्त कर देता है और आत्महत्या जैसा घ्रणित अपराध करने पर मजबूर हो जाना कोई बड़ी बात नहीं दिखती।
सूचना निदेशक द्वारा मुकदमों में नामित होने के कारण पत्रकार तनवीर की मान्यता समाप्त की गयी जिसको लेकर तनवीर ने पत्र में अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण ऐसा एकपक्षीय निर्णय लिये जाने का आरोप लगाया गया है एवं सवाल उठाया है कि उत्तर प्रदेश के यशस्वी और लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध भी अनेक मुकदमे दर्ज हैं तो क्या मुख्यमंत्री की मान्यता समाप्त की जा सकती है या पुलिस विभाग द्वारा उनकी छवि खराब होने का कोई प्रामण पत्र जारी किया जा सकता है।

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सूचना निदेशक के इसी तरह के निर्णय पर दिनांक 22.04.2024 को उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा कड़ी फटकार लगाते हुये पत्रकार की मान्यता बहाली का आदेश जारी किया गया है ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय का होने के कारण तनवीर द्वारा पत्र में पत्रकारों की मान्यता सम्बंधी निर्णय लेने के लिये बनाई गई प्रेस मान्यता समिति पर सवाल उठाते हुये बताया है कि समिति में ऐसे पत्रकार नामित है जिनके कुत्सित कार्यकलापों एवं आपराधिक मुकदमोें के संबंध में न सिर्फ समाचारों का प्रकाशन किया गया है बल्कि अनेक शिकायती पत्रों के माध्यम से उनका खुलासा भी किया गया है, ऐसे में प्रार्थी को बिना सुनवाई का अवसर दिये कार्यालय स्थानीय अभिसूचना इकाई, लखनऊ द्वारा झूठी, मनगढ़ंत, काल्पनिक और दूषित मानसिकता से बनाई गई जांच आख्या दिनांक 10.05.2023 पर एकपक्षीय कार्यवाही न्यायहित में उचित नही प्रतीत होती है।

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सूचना निदेशक द्वारा की गयी कार्यवाही से तनवीर् एवं उसके पूरे परिवार पर एक ऐसा बदनुमा दाग लगा दिया है जिसकी भरपाई होना संभव नहीं प्रतीत होता है जिसके चलते पत्रकारएवं उसका पूरा परिवार शर्मनाक जिंदगी जीने पर मजबूर है जिसकी भरपाई इस जिंदगी में दिखाई नहीं देती है।
सूचना निदेशक से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाते हुये बताया है कि आइ.ए.एस. अफसर की भूमिका में सर्वशक्तिशाली पुरुष है जिनके द्वारा बिना सुनवाई का अवसर दिये, बिना नियमों, प्रावधानों के चलते, झूठी, मनगढ़ंत काल्पनिक जांच आख्या पर मान्यता समाप्त की जा सकती है तो परिवार की इच्छा मृत्यु की संस्तुती भी की जा सकती है।

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